In the view of Acharya Tulsi, the founder of Anuvrat Movement, this movement is a project for spiritual and moral rejuvenation of life. Its objective is much higher than man’s social and political good. It aims at his spiritual or moral good. The spiritual good is not only the highest good but the total good. It includes both one’s own good and the good of others.
Read MoreIf we want to build a house for our country, then its foundation should be deep. If the foundation is of sand, then as soon as the water comes, the sand will flow away, and the house will also collapse. Character is the deepest foundation. There is great work to be done in the country. It needs a strong heart, mind and the power to control itself. We have to learn these things. The basis of all this is 'character'. So much good work is being done in the Anuvrat movement. The more progress you make in this work, the better. I want the work being done by the Anuvrat movement to be completely successful.
I give more importance to this centre than the Disneyland of California which have costed billions of dollors. The reason, in the Disneyland you will find only entertainment but here there is quality at every corner. I would love to call it the Children's Peace Palace.
If we want to build a house for our country, then its foundation should be deep. If the foundation is of sand, then as soon as the water comes, the sand will flow away, and the house will also collapse. Character is the deepest foundation. There is great work to be done in the country. It needs a strong heart, mind and the power to control itself. We have to learn these things. The basis of all this is 'character'. So much good work is being done in the Anuvrat movement. The more progress you make in this work, the better. I want the work being done by the Anuvrat movement to be completely successful.
We were thinking that there is a lack of morality in the country today. Religious ideas have also been reduced drastically. If people's faith in religion has also decreased, then some such work should be done, which strengthens morality and righteousness. Anuvrat is a great way to change your mindset. Anuvrat is one such movement given by Acharya Tulsi, which not only India but the world expects. I want it to be publicized outside also. The plan of Anuvrati Sangha is timely. This should be taken forward. Those who are shocked in the name of religion and sect, need to be explained in special ways.
"शिक्षा के क्षेत्र में जीवन विज्ञान का विस्तार आवश्यक" - मुनि जिनेश कुमार जी
26 जनवरी 2025, अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी की सानिध्य व अणुव्रत समिति कोलकाता के तत्वावधान में जीवन विज्ञान चिंतन संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने प्रेरणादायी उद्बोधन फरमाते हुए कहा कि जीवन के दो महारत्न हैं अणुव्रत और जीवन विज्ञान। शिक्षा के क्षेत्र में जीवन विज्ञान के महत्व पर जोर देते हुए आपने कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा प्रशिक्षकों को तैयार करना चाहिए जिससे जीवन विज्ञान को अधिक से अधिक स्कूलों और बच्चों तक पहुँचाया जा सके। शिक्षा केवल शैक्षणिक न रहकर जीवन निर्माण का आधार बने।
जीवन विज्ञान शिक्षा का वो पहलू है जो व्यक्ति को विवेक संपन्न बनाता है। आचरण में अगर विवेक आ जाता है तो जीवन आलोकमय बन जाता है। यह जीवन जीने की कला संवेग नियंत्रण करना सिखाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अणुविभा के न्यासी रतन दुगड़ ने बताया कि अंधकार और प्रकाश दोनों का महत्व होता है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की प्रक्रिया है।
अणुविभा के प्रचार प्रसार मंत्री पंकज दुधोडिया ने अपने वक्तव्य में कोलकाता समिति को जीवन विज्ञान के कार्य को गति प्रगति प्रदान करने के लिए प्रेरित किया।
अणुविभा के जीवन विज्ञान विभाग सह संयोजक कमल बेंगानी ने जीवन विज्ञान की 3 से 10 कक्षा तक की पुस्तक के बारे में जानकारी दी और बताया कि नर्सरी से 2 कक्षा तक की पुस्तकें प्रकाशित हो रही हैं और स्कूलों में फॉलोअप आदि सभी कार्यक्रम डिजिटलाइज कर दिया है।
कार्यक्रम में टॉलीगंज सभा अध्यक्ष अशोक पारख,मंत्री राजीव दुगड़, निवर्तमान सभा अध्यक्ष मानक डागा, समिति के पूर्व अध्यक्ष श्याम सुंदर चोरडिया,कमला छाजेड,सुरेन्द्र मुनोत, अजय पुगलिया, विनय सेठिया ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अतुलनीय सहयोग किया। कार्यक्रम में टॉलीगंज सभा, महिला मंडल सदस्यों सहित जीवन विज्ञान प्रशिक्षक प्रवीण दुगड़, मनीषा नाहटा, रिद्धि बोथरा, ताराचंद जैन की गरिमामय उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का कुशल संचालन अणुव्रत समिति कोलकाता के अध्यक्ष प्रदीप सिंघी ने किया तथा आभार ज्ञापन अणुव्रत समिति कोलकता के मंत्री / जीवन विज्ञान के प्रशिक्षक नवीन दुगड़ ने किया।
उपस्थित जनमेदनी ने इस कार्यक्रम को खूब सराहा।
26/1/2025 बरपेटा रोड असम
मदुलीझार दक्षिण माचुआगांव एलपी स्कूल में जीवन विज्ञान पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें जीवन विज्ञान प्रशिक्षिका ममता बंठिया ने 70 छात्रों और 7 शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया। इस सत्र में अणुव्रत समिति अध्यक्ष अनिल बेंगानी और जेसीआई के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थित रही।
कार्यक्रम में स्कूल के प्रधानाचार्य, उपप्रधानाचार्य और शिक्षक भी शामिल हुए। प्रधानाचार्य ने जीवन विज्ञान को छात्रों के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए प्रशिक्षिका से अनुरोध किया कि यदि संभव हो तो प्रतिदिन इस तरह के सत्र छात्रों के लिए आयोजित करें।
सत्र में प्रशिक्षिका ममता बांठिया ने आज के परिपेक्ष्य में जीवन विज्ञान की प्रासंगिकता समझाते हुए इससे होने वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास पर बल दिया। शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन, बोद्धिक विकास और भावनात्मक शुद्धि जीवन विज्ञान के छोटे-छोटे प्रयोग से कैसे प्राप्त होते हैं प्रयोगों के माध्यम से समझाया।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोहम्मद असाक अली ने अणुव्रत समिति के अध्यक्ष अनिल बैगानी से अनुरोध किया की प्रार्थना सभा में जीवन विज्ञान प्रतिदिन उनके बच्चों को कराया जाए। छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुंबई। नंदनवन में आयोजित 74वें अणुव्रत अधिवेशन के दौरान 19 नवम्बर को अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में अणुविभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सोहनलाल गांधी द्वारा सम्पादित पुस्तक 'अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाप्रज्ञ : ग्लोबल रिफ्लेक्शंस एंड ट्रिब्यूट्स' का लोकार्पण किया गया।
पुस्तक की प्रथम प्रति स्वीकार करते हुए आचार्यश्री ने कहा कि आचार्य श्री महाप्रज्ञ का एक महान व्यक्तित्व था। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सहित अनेक महत्वपूर्ण व्यक्ति उनके संपर्क में आये। ऐसे महानुभावों के विचार इस पुस्तक में शामिल किये गये हैं। डॉ. सोहनलाल गांधी अणुव्रत के विशिष्ट कार्यकर्ता हैं। अणुविभा के अंतरराष्ट्रीय कार्यों में उनका विशिष्ट योगदान रहा है। वर्तमान में भी वे अणुव्रत का कार्य कर रहे हैं, यह अच्छी बात है।
पुस्तक का परिचय प्रदान करते हुए अणुविभा के प्रबंध न्यासी तेजकरण सुराणा ने इसे संग्रहणीय ग्रंथ बताया। इस अवसर पर अणुविभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप दुगड़, उपाध्यक्ष राजेश सुराणा, महामंत्री भीखम सुराणा, अमृत महोत्सव संयोजक संचय जैन सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में जीवन विज्ञान विभाग (2024-26) की प्रथम बैठक
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के जीवन विज्ञान विभाग की प्रथम बैठक 21 दिसंबर 2024 को अणुविभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रताप सिंह दुगड़ की अध्यक्षता में जूम एप्प के माध्यम से आयोजित हुई।
जीवन विज्ञान गीत के द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ जिसका संगान सुमिता मदान ने किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में सभी को बधाई देते हुए कहा कि अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के प्रकल्पों में जीवन विज्ञान एक महत्वपूर्ण प्रकल्प है, यह देश की भावी पीढ़ी को संस्कारित करने की दिशा में सुदृढ़ कार्य कर रहा है। विगत वर्षों में जीवन विज्ञान विभाग ने नींव को मजबूती देने का काम किया है, अब हमें जीवन विज्ञान को नई ऊंचाइयों तक ले जाते हुए 5000 स्कूलों तक पहुँचाना है।
अणुविभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष संचय जैन ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि जीवन विज्ञान एक ऐसा विषय है जो वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारे समाज, देश और मानवता के उज्ज्वल भविष्य का आधार है। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें इस विषय के साथ जुड़कर भावी पीढ़ी को संस्कारित करने का अवसर मिला है। पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में जीवन विज्ञान नए कीर्तिमान स्थापित करने में सफल होगा।
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के उपाध्यक्ष / जीवन विज्ञान विभाग के प्रकल्प प्रभारी कैलाश बोराणा ने कहा कि यदि बच्चों को बचपन में ही जीवन विज्ञान सिखाया जाए तो वे जीवन के हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं। उन्होंने जीवन विज्ञान के कार्यकर्ताओं को संगठित होकर कार्य करने की प्रेरणा देते हुए अणुव्रत के विभिन्न प्रकल्पों के साथ जुड़ने का भी आह्वान किया।
राष्ट्रीय महामंत्री मनोज सिंघवी ने अपने वक्तव्य में कहा कि जीवन विज्ञान के इस प्रकल्प को सफल बनाने के लिए पहले हमें इसे स्वयं आत्मसात करना होगा। तभी हम इसे भावी पीढ़ी तक पहुंचाकर जीवन की सच्ची सार्थकता प्राप्त कर सकते हैं।
जीवन विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय संयोजक रमेश पटावरी ने कहा कि जीवन विज्ञान से जुड़ना एक ऐसा अवसर है, जिससे हम न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि अनगिनत लोगों के जीवन को भी सकारात्मक दिशा दे सकते हैं। आपने जीवन विज्ञान के विभिन्न विभागीय संयोजक, सह-संयोजक व टीम के सदस्यों का परिचय तथा जिम्मेदारियों से सभी को अवगत कराते हुए संक्षेप में भावी योजनाओं के बारे में बताया।
जीवन विज्ञान विभाग के मास्टर ट्रेनर राकेश खटेड़ ने बताया की स्कूल मैनेजमेंट, प्रिंसिपल आदि को जीवन के 7 महत्वपूर्ण घटक और जीवन विज्ञान की 12 इकाइयों की जानकारी हम संक्षिप्त में प्रभावी ढंग से किस प्रकार प्रदान करें ,आपने कहा कि हमें उन्हें सिखाना होगा कि हमारे इस एकमात्र जीवन को जीवन विज्ञान के माध्यम से कैसे बेहतरीन बनाया जा सकता है।
राष्ट्रीय सह-संयोजिका डॉ हंसा संचेती ने भी जीवन विज्ञान की टीम को उनके दायित्व और प्रशिक्षण से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।
इस प्रथम ऑनलाइन बैठक में लगभग 56 संभागियों की उपस्थिति थी। आभार ज्ञापन प्रियंका नाहटा ने किया। बैठक का कुशल संचालन राष्ट्रीय सह संयोजक कमल बैंगानी ने किया साथ ही आपने जीवन विज्ञान विभाग की व्यवस्थाओं संबंधी जानकारी भी प्रदान की।
(महाप्रज्ञ अलंकरण दिवस 2024)
12, नवम्बर 2024, अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ला त्रयोदशी को मनाये जाने वाले ‘महाप्रज्ञ’ अलंकरण जीवन विज्ञान दिवस समारोह के त्रिदिवसीय (12 से 14 नवम्बर, 2024) कार्यक्रमों का शुभारम्भ अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के नवमनोनीत राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रतापसिंह दूगड़ की अध्यक्षता में ऑनलाइन आयोजित हुआ। इस अवसर पर अपने स्वागत वक्तव्य में आपने कहा कि जीवन विज्ञान एक ऐसा विषय है जिससे व्यक्ति का स्वयं का जीवन तो श्रेष्ठ बनता ही है साथ ही वह दूसरों के लिए भी प्रेरणादायी होता है। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञ द्वारा प्रणीत जीवन विज्ञान बालकों के जीवन की दिशा और दशा को बदलने में सक्षम है। उन्होंने जीवन विज्ञान के प्रचार-प्रसार और संवर्द्धन में अणुविभा के जीवन विज्ञान विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए इसमें और अधिक गुणवत्ता एवं गति लाने का आह्वान किया।
जीवन विज्ञान के मास्टर ट्रेनर श्री राकेश खटेड़ ने जूम के माध्यम से उपस्थित देशभर के अनेकों विद्यालयों के संचालक, प्राचार्य एवं शिक्षकों तथा जीवन विज्ञान के प्रशिक्षक, कार्यकर्ताओं को जीवन विज्ञान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी ने मुनि नथमल को अज्ञ से विज्ञ और विज्ञ से महाप्रज्ञ बनाया तो आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने जीवन विज्ञान आयाम के माध्यम से स्वस्थ समाज की संरचना करने वाले अनेक अवदान प्रदत्त कर मानव को एक संतुलित व्यक्तित्व बनने की राह बतलाई। जीवन विज्ञान ऐसा विषय है जो बालक का शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक और भावनात्मक स्तर पर संतुलित विकास कर सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। हमारे वर्तमान अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण द्वारा जीवन विज्ञान को आगे बढ़ाने की दिशा में हमें निरन्तर ऊर्जा, पाथेय और प्रोत्साहन प्राप्त होता रहता है।
देश के अनेक विद्यालयों से जुड़े विद्यालय संचालक, प्राचार्य, शिक्षकों आदि ने अपने विचारों में जीवन विज्ञान विषय को विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त लाभदायक बताते हुए अपने विद्यालयों में इसे प्रारम्भ करने की भावना व्यक्त की। जीवन विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय संयोजक श्री रमेश जी पटावरी ने आश्वस्त किया की जल्द से जल्द इस कार्य को गति प्रदान की जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार बड़होला हायर सेकेण्डरी स्कूल जोरहाट के प्रिंसिपल श्री जैमिनी मोहन, महाप्रज्ञ स्कूल जगरांव की प्रिंसिपल प्रभाजीत कौर, गायत्री तैक्नो स्कूल से श्रीमती ज्योति बच्छावत, महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल भीलवाडा की प्रिंसिपल श्रीमती दीपाजी पेशवानी, श्री मारवाडी हिंदी विद्यालय, दिनहाटा से श्रीमति हंसी रानीजी, सेमराक फ्लोरेंस स्कूल दिनहाटा की प्रिंसिपल श्रीमती पारोमिता सरकार, हैप्पी चाइल्ड स्कूल के प्रिंसिपल श्री सी. रामा राव, जी.एम.एस स्कूल पटियाला से श्रीमति वंदना जैन, शीशु भारती स्कूल ,श्री सुमेरमल जैन पब्लिक स्कूल , जनकपुरी दिल्ली, मिथिला पब्लिक स्कूल अरड़िया, सरगुजा साइंस ग्रुप अम्बिकापुर, कोठारी पब्लिक स्कूल भीलवाड़ा के प्रिंसिपल, प्रतिनिधिगण व श्री विविक जी मुणोत आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही। 100 से अधिक संभागीयों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम के अन्त में अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के नवमनोनीत महामंत्री मनोज सिंघवी ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा - प्रसन्नता है कि हमारे कार्यकाल का शुभारम्भ जीवन विज्ञान दिवस समारोह से हो रहा है। हम सबको मिल कर जीवन विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने हेतु सतत प्रयासरत रहेंगे।
कार्यक्रम का प्रारम्भ श्री हनुमान मल शर्मा द्वारा अणुव्रत गीत के साथ मंगलाचरण से हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. हंसा संचेती ने किया। जीवन विज्ञान दिवस समारोह 2024 हेतु मनोनीत राष्ट्रीय संयोजिका पुष्पलता पींचा के नेतृत्व में पूर्वांचल, पश्चिमांचल, उत्तरांचल, दक्षिणांचल एवं मध्यांचल की संयोजिका क्रमशः पूजा दूगड़, सिलीगुड़ी, सुमिता मदान, दाहोद (गुजरात) एवं सरला बरड़िया, कुनूर ऊटी, सीमू जैन, नोयडा (यूपी), प्रियंका नाहटा, हैदराबाद (तेलंगाना),सीमा गर्ग, जगरांव (पंजाब) के अथक प्रयासों से कार्यक्रम में शताधिक विद्यालय संचालक, प्राचार्य, शिक्षक आदि जुड़े
अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री ने जनता को अनुशासन दिवस पर दी स्वयं पर अनुशासन की करने की प्रेरणा
अणुव्रत उद्नोधन सप्ताह के छठवा दिन अनुशासन दिवस के रूप में समायोजित था। इस संदर्भ में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री ने जनता को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि अनुशासन सभी के जीयन के लिए आवश्यक होती है। आदमी की स्वयं पर अनुशासनं करने का प्रयास करना चाहिए, फिर दूसरों पर भी अनुशासन की वात हो सकती है। विद्यार्थियों के साथ कोई छोटा हो या बड़ा, सभी में अनुशासन होना चाहिए। निज पर शासन. फिर अनुशासन के सूत्र को आत्मसात करने का प्रयास होना चाहिए। अनुशासन को अपने जीवन में समुचित महत्त्व देने का प्रयास करना चाहिए। सूरत शहर के होमगार्ड्स के जवान भी काफी संख्या में उपस्थित थे। होमगार्ड्स के आफिसर श्री सी.यी. वोहरा ने अपनी आवाभिव्यक्ति दी और अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। अणुव्रत समिति ग्रेटर सूरत के मंत्री संजय बोथरा ने कार्यक्रम की जानकारी दी। कार्यक्रम में अणुविभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश नाहर की उपस्थिति रही। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री ने उपस्थित होमगार्ड्स के जवाना का सद्वायना, नैतिकता की प्रेरणा देते हुए इनके संकल्प रवीकार कराण।
अणुव्रत समिति,धरान (नेपाल) द्वारा आज 04/10/2024 को अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह अन्तर्गत पर्यावरण दिवस का कार्यक्रम अणुव्रत वाटिका का शुभारम्भ करके मनाया गया । भारत से बाहर विदेश कि धरती पर संभवत यह पहली अणुव्रत वाटिका है ।
पूज्य प्रवर के मंगल आशीर्वाद से तथा पर्यावरण जागरूकता अभियान कि राष्ट्रिय संयोजिका डा.नीलम जी जैन कि प्रेरणा से तथा अणुविभा के राष्ट्रिय संगठन मन्त्री श्री भरत जी चौरडिया के अथक प्रयास से बाल्यकाल मे चल रही धरान जैसी छोटीसी समिति ने यह कार्य पिन्डेश्वर संस्कृत माध्यमिक विधालय के परिसर मे पूर्व उपकुलपति श्री पुरूषोत्तम जी भट्टराई (94 वर्षीय) तथा अन्य पदाधिकारीगण कि उपस्थिति मे सफलता पूर्वक आयोजन किया । अणुव्रत गीत के संगान के साथ कार्यक्रम कि शुरूवात कि गई । अणुविभा के संगठन मन्त्री श्री भरत जी चौरडिया ने आचार संहिता का वाचन करवाते हुए अणुव्रत वाटिका के लिए स्थान उपलब्ध करवाने के लिए विधालय परिवार का अणुविभा कि तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया । स्थानीय समिति कि अध्यक्ष श्रीमती मोनिका जी दुगड ने सभी का स्वागत अभिवादन तथा मन्त्री प्रिती चौरडिया ने आभार ज्ञापन किया । कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती ममता चौरडिया ने किया ।
अणुविभा द्वारा संचालित किडजोन का अवलोकन सुप्रसिद्ध उद्योगपति शासन सेवी श्री के. एल. जैन पटावरी व सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री सुरेशराज सुराणा को करवाते हुए अणुविभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश नाहर
सुप्रसिद्ध उद्योगपति शासनसेची श्री के. एल. जैन पटावरी किडजोन का अवलोकन करते हुए। उल्लेखनीय है कि आपको अणुविभा द्वारा अणुव्रत अनुशास्ता की पावन सन्निधि में अणुव्रत गौरव सम्मान 2024 सुरत में प्रदान किया जाएगा। सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री सुरेशराज सुराणा किडजोन का अवलोकन करते हुए। उल्लेखनीय है कि आप विगत चार वर्षों से अणुव्रत प्रचोधन प्रतियोगिता के प्रायोजक है।
अणुव्रत अनुशास्ता के समक्ष बच्चों का देश पत्रिका के रजत जयंती
वर्ष के अवसर पर अणुविभा व अणुव्रत समिति सूरत के पदाधिकारीगण की रही गरिमामयी उपस्थिति