सांप्रदायिक सौहार्द के भावों का हो विकास - आचार्य श्री महाश्रमण
Nov, 2023
अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के दौरान कार्यक्रमों की धूम
मुंबई | अणुव्रत यात्रा प्रणेता अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण ने पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि आदमी के भीतर अनेक प्रकार की वृत्तियां होती हैं। वृत्तियां अच्छी भी हो सकती हैं और बुरी भी हो सकती हैं। आदमी
को ऐसा प्रयास करना चाहिए कि वह दुष्प्रवृत्तियों से बचते हुए सद्प्रवृत्तियों से भावित हो । आचार्य श्री 1 अक्टूबर को घोड़बंदर रोड स्थित नंदन वन में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के पहले दिन सांप्रदायिक सौहार्द दिवस के अवसर पर उपस्थित जनमेदिनी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदमी को एकत्व की भावना का विकास करने का प्रयास करना चाहिए। साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने भी उपस्थित जनता को उद्बोधित किया। अणुविभा अध्यक्ष अविनाश नाहर ने भी विचार रखे।
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के निर्देशन में अणुव्रत आन्दोलन द्वारा मानवीय मूल्यों के संवर्धन हेतु अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का अभिनव आयोजन 1 से 7 अक्टूबर तक किया गया। इस दौरान संपूर्ण भारतवर्ष के साथ ही नेपाल की अणुव्रत समितियों की ओर से आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से अणुव्रत दर्शन जन-जन तक पहुँचा। अणुविभा अध्यक्ष अविनाश नाहर, अणुव्रत अमृत महोत्सव के संयोजक संचय जैन, अणुविभा महामंत्री भीखम सुराणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप दुगड़, उपाध्यक्ष राजेश सुराणा, विनोद कोठारी, माला कातरेला समेत प्रबन्ध मण्डल के पदाधिकारियों, संगठन मंत्रियों, राज्य प्रभारियों व कार्यसमिति के सदस्यों ने विभिन्न स्थानों पर अपनी गरिमामयी उपस्थिति से समितियों व मंचों को गौरवान्वित किया।