लेखन से दें सार्थक जीवन जीने की प्रेरणा
Dec, 2023
अणुव्रत लेखक सम्मेलन में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण ने किया आह्वान
मुंबई | अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी की ओर से अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में 16 नवम्बर की सुबह दो दिवसीय अणुव्रत लेखक सम्मेलन शुरू हुआ। आचार्यश्री ने कहा कि लेख-आलेख-पुस्तकों के माध्यम से समाज के लिए अच्छी सामग्री परोसी जा | सकती है। लेखक अपने लेखन के माध्यम से पाठकों को एक अच्छा और सार्थक जीवन जीने की प्रेरणा दे सकते हैं। इससे पहले अणुविभा अध्यक्ष अविनाश नाहर ने अणुव्रत लेखक सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत की।
मुख्य अतिथि गांधी शांति प्रतिष्ठान नयी दिल्ली के अध्यक्ष व गांधी मार्ग पत्रिका के संपादक कुमार प्रशांत ने कहा कि आज अनास्था की ऐसी आंधी चल रही है कि आस्था को पाँव जमाकर रखने की जरूरत है। नवभारत टाइम्स ग्रुप मुंबई के वरिष्ठ संपादक कैप्टन सुरेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण के उद्गारों को यदि आचरण में उतार लिया जाये तो जीवन सफल बन सकता है। दोपहर के सत्र में साहित्यकारों ने एक-दूसरे का परिचय प्राप्त किया।
इसके बाद आयोजित सत्र में वरिष्ठ साहित्यकारों ने 'स्वस्थ समाज के निर्माण में लेखकों की भूमिका' विषय पर चिंतन- मनन किया। अणुव्रत के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री मनन कुमार ने कहा कि आज हम अखंड विशाल भारत का रूप देखते हैं, उसमें साहित्यकारों की भी भूमिका रही है। जहाँ साहित्य का पठन अच्छा होता है, वहाँ के लोगों में वैचारिक परिपक्वता भी बहुत अच्छी होती है। अणुविभा अध्यक्ष अविनाश नाहर ने अणुव्रत के सिद्धांतों को सरल और हृदयग्राही शब्दों में प्रसारित करने का आह्वान किया। अणुव्रत पत्रिका के सम्पादक संचय जैन ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत के रूप में 'संयम ही जीवन है' का छोटा-सा सूत्र दिया। यह हम पर निर्भर करता है कि इस सूत्र को किस रूप में हम अंगीकार करते हैं। इसके बाद हुई काव्य गोष्ठी में साहित्यकारों ने समाज को दिशा-दर्शन करने वाली रचनाएं सुनायीं। रात्रिकालीन सत्र में अणुव्रत अनुशास्ता ने विशेष अनुग्रह करते हुए संभागी लेखकों के साथ व्यक्तिशः संवाद का अवसर प्रदान किया।
इकराम राजस्थानी को मिला अणुव्रत लेखक पुरस्कार
अणुविभा की ओर से 17 नवम्बर की सुबह प्रवचन पांडाल में जाने-माने उद्घोषक, वरिष्ठ साहित्यकार तथा पं. जवाहर लाल नेहरू बाल अकादमी राजस्थान के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी को अणुव्रत लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके तहत उन्हें स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्र एवं 51 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि साहित्यकार अपने लेखन के माध्यम से अणुव्रत दर्शन को आमजन तक पहुँचाएं। सम्मेलन के अंतिम चरण में साहित्यकारों ने साझी उद्घोषणा जारी की।