जन सेवा का सुंदर माध्यम है अणुव्रत : आचार्य महाश्रमण
Dec, 2023
मुंबई के नंदनवन में 74वां अणुव्रत अधिवेशन संपन्न
मुंबई | अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्त्वावधान में 74वां अणुव्रत अधिवेशन 18 नवम्बर की सुबह अणुव्रत ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ। तीन दिवसीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण ने अमृत देशना में कहा कि अणुव्रत जन सेवा का सुंदर माध्यम है। यह केवल जैन समाज के लिए ही नहीं है, बल्कि जन-जन के लिए है। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी विराट संस्था है। इसका अपना तंत्र है। इस तंत्र का उपयोग अहिंसा, सद्भावना, नशामुक्ति के प्रसार में हो। यह संस्था अणुव्रत के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करे। मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए अपनी शक्ति का नियोजन करती रहे।
अणुव्रत के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री मनन कुमार ने कहा कि अणुविभा के पास समर्पित कार्यकर्ताओं की टीम है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अणुविभा के राष्ट्रीय महामंत्री भीखम सुराणा ने महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला तथा उपाध्यक्ष विनोद कोठारी ने अधिवेशन की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इसके बाद हुए सत्र में मुनिश्री डॉ. अभिजीत कुमार ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान मुंबई के करीब पचास कॉलेजों में 'एलीवेटः एक्सपीरीयंस द रियल हाई' नाम से नशामुक्ति के कार्यक्रम आयोजित किये गये, जिनमें हजारों विद्यार्थियों ने नशामुक्त रहने का संकल्प लिया। मुनिश्री जागृत कुमार ने डिजिटल डिटॉक्स कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए लोगों को डिजिटल एडिक्शन से छुटकारा दिलाने का आह्वान किया।
दोपहर बाद के सत्र में अणुविभा के सहमंत्री मनोज सिंघवी ने अधिवेशन में देश भर से आये प्रतिनिधियों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया।
अणुव्रत रैली निकाली
अधिवेशन के दूसरे दिन 19 नवम्बर की सुबह नंदनवन में अणुव्रत रैली निकाली गयी। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण ने अमृत देशना में कहा, "अणुव्रत संयम के विकास का, चारित्रिक उत्थान का कार्यक्रम है। यह बिना किसी जाति-पांति के भेदभाव के प्रत्येक व्यक्ति के विकास का कार्यक्रम है। जन-जन के बीच इसका प्रचार-प्रसार होता रहे, यह काम्य है।"
मुख्य मुनिश्री महावीर कुमार ने अणुव्रत कार्यकर्ताओं से कहा कि कार्य की निरंतर समीक्षा व अनुवर्तन तथा प्राप्त जिम्मेदारी और क्रियान्विति की स्वयंस्फूर्त रिपोर्टिंग – यह सुनिश्चित किया जाये तो संस्था की प्रगति और कार्यकर्ता का विकास दोनों एक साथ सम्भव हो सकता है।
साध्वीप्रमुखा श्री विश्रुतविभा ने कहा कि सुख- शांति से जीना है तो अणुव्रत के घोष - 'संयमः खलु जीवनम्' को समझना होगा, उसे जीवन में उतारना होगा। अणुव्रत
कार्यकर्ताओं ने साध्वीवर्याश्री सम्बुद्धयशा के भी दर्शन किये व आशीर्वाद प्राप्त किया।
अणुव्रत गौरव मुमुक्षु धनराज बैद का सम्मान
मुमुक्ष श्री धनराज बैद के सम्मान में 19 नवम्बर को आयोजित मंगल भावना कार्यक्रम में अणुव्रत के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री मनन कुमार ने कहा कि अणुव्रत के माध्यम से व्यक्ति किस प्रकार क्रमिक विकास करता है, इसका साक्षात उदाहरण आज हम धनराज जी के रूप में देख रहे हैं।
कार्यक्रम में अणुविभा की ओर से अंगवस्त्र और शॉल ओढ़ाकर अणुव्रत गौरव मुमुक्षु धनराज बैद का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन अणुविभा कार्यसमिति सदस्य प्रमोद घोड़ावत ने किया।
अणुव्रत अधिवेशन में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा व महामंत्री अमित नाहटा अपनी टीम के साथ उपस्थित हुए एवं अणुव्रत के कार्यों में पूर्ण सहयोग का विश्वास दिलाया।
वार्षिक साधारण सभा, उत्कृष्ट समितियों का सम्मान
इसके बाद आयोजित वार्षिक साधारण सभा में अणुविभा महामंत्री भीखम सुराणा ने वर्ष 2022-23 का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप दुगड़ ने आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रकल्पों में उत्कृष्ट योगदान के लिए विभिन्न समितियों को सम्मानित किया गया। अणुविभा के विभिन्न प्रकल्पों के लिए अर्थ संबल प्रदान करने वाले अणुव्रत संरक्षकों तथा अणुव्रत संपोषकों को भी सम्मानित किया गया।
सम्मानित अणुव्रत समितियां
महानगर श्रेणी : प्रथम - मुम्बई, द्वितीय - जयपुर, तृतीय - दिल्ली
नगर श्रेणी : प्रथम - गुवाहाटी, हिसार, द्वितीय - भीलवाड़ा, तृतीय - सिलीगुड़ी
शहर श्रेणी : प्रथम - पाली, द्वितीय - जसोल, तृतीय - चाड़वास
अध्यक्षीय प्रोत्साहन : कोलकाता, अहमदाबाद, ग्रेटर सूरत, लाडनूं, कटक, छापर, बालोतरा, काठमांडू, गंगाशहर, दिवेर, पालघर, नोगांव, बारडोली, राजसमंद, चूरू, चलथान, गाजियाबाद।